झांसी। रेलवे ने पैसा देकर कागजों में विकलांग बनने वालों की धरपकड़ के लिए अभियान छेड़ रखा है। जांच दल ने आज उद्योग नगरी एक्सप्रेस में दो लोगों को फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र पर यात्रा करते पकड़ लिया। दोनों ने झांसी की जगह भोपाल से सीट बुक कराई थी।
उत्तर-मध्य रेलवे के झांसी मण्डल के झांसी व ग्वालियर में सैकड़ों फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र बने होने की सूचना मिलने के बाद सीनियर डीसीएम प्रवीण पाण्डेय ने स्वास्थ्य विभाग से जारी किए गए प्रमाण पत्रों के बारे में जानकारी एकत्र की। सूत्रों के अनुसार झांसी में तीन हजार से अधिक प्रमाण पत्र बने है। ग्वालियर में इनकी संख्या डेढ़ हजार के करीब है। इसके बाद विभाग ने फर्जी प्रमाण पत्र धारकों को चिह्नित कर पकड़ने के लिए एण्टी फ्राड दल को सक्रिय किया। दल के सदस्यों ने रेलवे से मिली सूची की जांच के लिए गोपनीय स्तर पर कार्रवाई शुरू की। दल को आज सूचना मिली कि उद्योग नगरी एक्सप्रेस में दो लोग विकलांग प्रमाण पत्र पर यात्रा कर रहे है। इन्हें झांसी से मुम्बई जाना है। जांच दल के सदस्य अंचल अड़जरिया, एके तिवारी, मुकेश दबे, अजय भटनागर ने गाड़ी के झांसी पहुंचने पर रिजर्वेशन कोच की जांच की, लेकिन सीट पर कोई नहीं मिला। बाद में वे विकलांग कोच पहुंचे तो यहां इरशाद खान व गुलाम खान नामक दो यात्री मिले। दोनों को फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र पर यात्रा करने के आरोप में पकड़ लिया गया। दोनों ने बताया कि उक्त प्रमाण पत्र शकील व गुप्ता नाम के व्यक्ति ने 700 रुपए में बनाकर दिए थे।
रिजर्वेशन काउण्टर से लीक हो रही है सूचनाएं
झांसी : फर्जी प्रमाण पत्र पर यात्रा करने वालों की धरपकड़ में जुटे जांच दल को अपनों की दगाबाजी के कारण असफलता का सामना करना पड़ रहा है। दल का मानना है कि रिजर्वेशन काउण्टर से सूचनाएं लीक होने से फर्जी लोग सतर्क हो जाते है। उन्होंने इस सम्बन्ध में अधिकारियों को अवगत कराया है।
मुखिया की तलाश
झांसी : रेलवे के एण्टी फ्राड जांच दल को फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र जारी करने वाले मुखिया की तलाश है। दल ने उसका पता लगा लिया है। सम्भावना है कि एक-दो दिन में वह हत्थे चढ़ जाएगा।
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